जिले के किसान नरवाई न जलायेः नरवाई का उपयोग भूसा एवं खाद बनाने में करें

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सिंगरौली 17 अक्टूबर  नरवाई प्रबंधन के लिए किसान भाई धान की कटाई के बाद फसल के शेष बचे हुए अवशेषों को आग लगाकर नष्ट ना करें द्य नरवाई में आग लगाने से भूमि की उर्वरता नष्ट होती है द्य साथ ही अग्नि दुर्घटना की संभावना बनी रहती है, जबकि यदि फसल अवशेषों को जलाने की बजाय उन्हें भूमि में वापस मिला दिया जाये, तो मृदा में कार्बनिक पदार्थ एवं पोषक तत्वों में वृद्धि होगी, जिससे मृदा के भौतिक गुण में सुधार होता है द्य मृदा स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं फसल उत्पादकता को दृष्टिगत रखते हुए फसल अवशेषों को जलाने की बजाय भूमि में मिला देने से मृदा को बहुत लाभ होता है।

फसल अवशेषों से प्राप्त कार्बनिक पदार्थ भूमि में जाकर मृदा पर्यावरण में सुधार कर सूक्ष्मजीवी अभिक्रियाओं को उत्प्रेरित करता है, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होती है द्य खरीफ फसलों की कटाई के बाद खेतों में बचे हुए अवशेषों के प्रबंधन एवं रबी फसलों गेंहू, चना, सरसों की सीधी बोनी सुपर सीडर से बोनी करते हुए किसान समय एवं लागत की बचत कर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते है द्य इसके साथ ही जीरोटिल सीडड्रिल, रोटावेटर आदि यंत्रो का उपयोग नरवाई प्रबन्धन में किया जा सकता है, जिससे नरवाई जलाने की आवश्यकता नही रहती है।